بسم الله الذي لا يضر مع اسمه شيء في الأرض ولا في السماء وهو السميع العليم अल्लाह के नाम पर, जिसका नाम पृथ्वी या आसमान में कुछ भी नुकसान नहीं पहुँचाता है, और वह सुनने वाला, जानने वाला है
ज़ेबुन निसा
किसी बगीचे में रंग -बिरंगे फूलों के बहुत फूलों दरख्त थे उन में लाल और सफ़ेद गुलाब के पौधे भी थे लाल गुलाब का नाम मुन्नू था और सफ़ेद गुलाब का नाम चुन्नू था ,जानते हैं उनकी दोस्ती पूरे बगीचे में मशहूर थी | वहीं बगीचे के कोने में बरगद का एक बहुत बड़ा पेड़ था उस पर एक कोयल रहती थी उस के नीचे वाली डाली पर चिडिया रहती थी ।
अकसर कोयल चिड़या से शिकायत करती के जब देखो ये दोनों बातें करते रहते हैं मेरे सुरीलें गानें की आवाज़ इन की बातों में दब कर रह जाती है में तो बहुत परीशान हो चुकी हूँ इन बातूनी गुलाबों से कोयल की ये बात सुन कर चिढ़या बोली “अच्छा पड़ोसी वही होता है जो अपने पड़ोसी का भी ख्याल रखता है चलो छोड़ो आज मैं उन को समझा दूँगी | लेकिन याद रखना क़यामत के दिन हर एक से सिर्फ़ उस के अपने आमाल के बारे में पूछा जाएगा, जो जैसा करेगा वैसा ही फल पाएगा अभी कोयल और चिड़ीया आपस में बातें कर ही रहीं थीं अचानक वहाँ माली अंकल आ गए और ही देखते बहुत सारे फूल तोड़ कर ले गए सिर्फ़ कलियों को छोड़ दिया | जानते हैं जब फूल डाली से अलग हो रहे थे तब वो बहुत रो रहे थे ।
उधर कोयल को उन की सिसकी की आवाज़ साफ़ सुनाई दे रही थी उस से ये मंज़र देखा नहीं गया वो दिल ही दिल में सोचने लगी बेकार बेकार में इन फूलों को बुरा भला कहती थी अब मुझे इन की मदद करनी चाहिय ये सोच कर वो सीधे माली अंकल के पास पहुंची वहाँ पहुँच कर उस ने देखा ;कमरे का दरवाज़ा खुला है और माली अंकल सो रहें हैं वो जल्दी से अंदर पहुंची उस ने चारों तरफ देखा , तभी उस की नज़र एक बड़े बर्तन पर पड़ी तो वो ये देख कर हैरान रह गई सारे गुलाब एक पानी से भरे बर्तन में रखे हैं |
कोयल गुलाब के पास पहुंची , उन से माफ़ी मांगते हुए बोली, सुनो मैँ तुम्हारी मदद करने आई हूँ कोयल की बात सुन कर लाल गुलाब बोला ,हम तो डाली से टूट ही चुके हैं अब तुम हमारी क्या मदद करोगी ?
तुम नहीं जानती शायद जब हमें कोई डाली से तोड़ता है तो हमें भी दर्द होता है हम भी सांस लेते हैं ,बस हममें और इंसानों में यही फ़र्क है वो ज़बान रखते हैं ।
अपना दुख कह सकते हैं मगर हम नहीं ऐसा कर सकते हम बेजुबान जो हैं बस अब तुम यहाँ से जाते जाते इतना सुनती जाओ- नबी करीम {सल्ल } की अच्छी खूबियों में से एक बड़ी खूबी सब्र करना, माफ़ कर देना भी है, आपने हमेशा माफ़ी और दरगुज़र से काम लिया है हमेशा सबको माफ़ किया। तो फिर मैँ क्या चीज हूँ कुछ भी तो नहीं बस क़ुदरत का एक हिस्सा हूँ जिसे दुनिया फूल कहती है।
कल तक मैं जिंदा था उस बागीचे में और आज नहीं हूँ समझी कोयल रानी? याद रखना अगर किसी का भला ना कर सको तो बुरा भी ना करो बुराई को भलाई से दूर करने की कोशिश करना | अब तो ना पूछो कोयल का हाले – दिल उसे अपनी कही बातों का बहुत पछतावा हो रहा था ,अब वो अपने घोंसले की तरफ़ उड़ चली ,वो उड़ती जा रही थी मगर उस की आँखों से आँसू टपक रहे थे, ये सोच कर के मैंने गुलाबों को हमेशा बुरा भला कहा पर उस ने मुझे माफ़ कर दिया ।
Follow Us:
E-Mail us to Subscribe E-Newsletter:
HindiIslamMail@gmail.com
Subscribe Our You Tube Channel
Your Comment