بسم الله الذي لا يضر مع اسمه شيء في الأرض ولا في السماء وهو السميع العليم अल्लाह के नाम पर, जिसका नाम पृथ्वी या आसमान में कुछ भी नुकसान नहीं पहुँचाता है, और वह सुनने वाला, जानने वाला है
अनुवाद अरबी से उर्दू: शेख़ मुहम्मद फारूक खान अनुवाद उर्दू से हिंदी: डा. मुहम्मद अहमद
कुरआन ख़ुदा की आख़िरी किताब है और अपनी अस्ल और महफूज़ शक्ल में इनसान के पास सिर्फ यही किताब बाक़ी रह गई है। कुरआन इसलिए उतारा गया है कि वह इनसान को जिहालत और गुमराही के अन्धेरे से निकालकर इल्म और हिदायत की रौशनी में ले आए। कुरआन के नाज़िल होने के बाद दुनिया में जो क्रान्ति आई, उसकी कोई मिसाल नहीं मिलती। कुरआन ने दुनिया के वहशी समाज को सभ्यता और संस्कृति का पाठ पढ़ाया। उसे खुदा की खुशी और इनसान की मुहब्बत के साथ जीना सिखाया।
हाफ़िज़ नज़र अहमद