ज़ेबुन निसा
किसी गाँव मे एक लड़का रहता था । जिस का नाम अमीन था । एक दिन अमीन का दिल हुआ के क्यूँ न नदी के किनारे घूमने चला जाए बस यही सोच कर वो नदी किनारे पहुंचा अचानक उस की निगाह नदी किनारे रेत पर पड़ी उस ने देखा के रेत पर पड़ी एक नन्ही मछली रो रही है।
वो उस मछ्ली के पास जाकर बोला ,क्यूँ रो रही हो ? मछली बोली , क्या बताऊँ मेरी दोस्त ने मुझसे कहा था के पानी के बाहर सीप मे बहुत ही टेस्टी कीड़े मकोड़े होते हैं बस फिर क्या था उस की ये बात सुनकर मैं किनारे आई के तभी पीछे से पानी की एक तेज लहर ने मुझे यहाँ रेत पर लाकर पटक दिया मैंने जब आस- पास देखा तो सिवाये रेत के यहाँ कुछ भी नज़र ना आया अब इस रेत पर मेरा दम घुट रहा है खुदा के वास्ते मुझे बचा लो, मेरी मदद करो ये कहते हुए मछली रो पड़ी और फिर आसमान की तरफ देखकर बोली, ऐ अल्लाह मुझ पर रहम कर मुझे हिदायत देना और मुझे सलामत रख और मुझे रोज़ी दे ।
उसे इस तरह रोता देखकर अब तो ना पूछो अमीन को उस की हालत पर बड़ा रहम आया पहले तो वो कुछ देर सोचता रहा क्या करुँ ? के तभी अचानक उसे ख्याल आया इस भोली भाली मछली को समझाना बहुत ज़रूरी है क्या पता कल फिर से कोई मछली इसे बहका दे बस फिर क्या था उसने उसी वक़्त मछली से कहा , एक शर्त पर मैं तुम्हारी मदद करूंगा ? मछली ने पूछा कौन सी शर्त ? अमीन बोला , आज के बाद जो अल्लाह दे उसे उस का तोहफ़ा समझ कर कुबूल करना और जो ना मिले उस की ख्वाहिश कभी मत करना देखा तुमने मछली रानी तुम्हारे ज़रा से लालच ने आज तुम्हें कहा से कहा पहुँचा दिया ।
मछली ने जब अमीन की ये बात सुनी तो उसे अपन गलती का एहसास हुआ , उस के बाद अमीन ने उस मछली को पानी मे ले जाकर छोड़ते हुए कहा याद रखना लालच बहुत बुरी बला होती है ये कह कर अमीन जैसे ही वहाँ से जाने लगा मछली ने फिर से पानी से मुह निकाला और बड़े दुखी आवाज़ मे बोली ,सच तुम बहुत रहम दिल हो मैं तुम्हें हमेशा याद रखूंगी ये कहते हुए मछली पानी के अंदर कही खो गई और अमीन मुस्कुराता हुआ अपने घर की तरफ़ चल दिया ये सोचते हुए के अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और उसी ने मुझे तुम्हारी मदद के लिए भेजा था |
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